लूट को बताया सोची समझी साजिश का हिस्सा, अपराधी को पकड़ने वाले सरायरंजन थानाध्यक्ष को गया था हटाया
मुफ्फसिल थानाध्यक्ष रहे सुरेंद्र कुमार सिंह हटाने के मामले की हो सकती है उच्च स्तरीय जांच
रिलायंस ज्वेल्स लूट कांड में समस्तीपुर पुलिस की विफलता व लूट कांड मामले में पुलिस की जांच की समीक्षा हो सकती है। इस लूट कांड को साजिश के तहत अंजाम दिलवाने व मुफ्फसिल थानाध्यक्ष को साजिश के तहत गलत आरोप लगाकर हटवाने की शिकायत बिहार के डीजीपी से की गई है। इसमें सदर एसडीपीओ-1 संजय कुमार पाण्डेय, तत्कालीन नगर थानाध्यक्ष विक्रम आचार्य व मुफ्फसिल थानाध्यक्ष पिंकी प्रसाद पर अपराधियों व भू-माफियाओं से सांठगांठ करने सहित कई अन्य गंभीर आरोप लगाए गए हैं। गौरतलब हो कि रिलायंस ज्वेल्स का लूटा गया सोना बरामद करने में पुलिस अभी तक विफल साबित हुई है। वहीं इस लूट कांड में संलिप्त अपराधियों को बिहार एसटीएफ व गुजरात पुलिस के द्वारा पकड़ा गया था। जबकि एक अपराधी को गिरफ्तार करने वाले तत्कालीन सरायरंजन थानाध्यक्ष को हटाने को भी साजिश का हिस्सा बताया गया है। इसके साथ ही जिले के तत्कालीन सदर एसडीपीओ व वर्तमान में एएसपी सह सदर एसडीपीओ-1 संजय कुमार पाण्डेय के रिपोर्ट के आधार पर एसपी की अनुशंसा पर हटाए गए मुफ्फसिल थानाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार सिंह का मामला एक बार फिर से सुर्खियों में है। इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद प्रतिनिधि रविन्द्रनाथ सिंह ने बिहार के डीजीपी से इसकी उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की थी। मिली जानकारी के अनुसार अब इस मामले की जांच मिथिला क्षेत्र के आईजी के स्तर से कराई जाएगी।
रिलायंस ज्वेल्स लूट में संलिप्त अपराधी को पकड़ने वाले सरायरंजन थानाध्यक्ष को दिया था हटा
बिहार डीजीपी से सदर एसडीपीओ-1 संजय कुमार पाण्डेय पर काफी गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत की गई है। जिसमें कहा गया है कि सुरेंद्र सिंह के मामले में बिना स्पष्टीकरण मांगे ही गलत आरोप लगाकर मुफ्फसिल थानाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार सिंह का दूसरे जिला ट्रांसफर कर दिया गया। उन्हें भू-माफियाओं और अपराधियों का संरक्षणकर्ता बताया गया है। इसके साथ ही रिलायंस ज्वेल्स में हुए भीषण लूट मामले को भी उन्होंने एक सोची समझी साजिश के तहत अंजाम देने की बात कही गई है। इसमें सदर एसडीपीओ-1 संजय कुमार पाण्डेय व मुफ्फसिल थानाध्यक्ष पिंकी प्रसाद की लापरवाही को जिम्मेदार बताया है। भू-माफियाओं के साथ मिलकर गलत तरीके से रुपए कमाने को लेकर उन्होंने अपने रास्ते के कांटे सुरेंद्र कुमार सिंह का यहां से ट्रांसफर करवा दिया। सुरेंद्र कुमार सिंह के ट्रांसफर के बाद ही छह करोड़ रुपए के सोना लूट की घटना होती है और उसमें पुलिस आज तक लूट का सोना रुपए बरामद नहीं कर पाती है। वहीं कांड लंबित रहते ही संजय कुमार पाण्डेय को प्रमोशन दे दिया जाता है। उन्होंने कहा कि इस लूट कांड में संलिप्त कई अपराधियों को बिहार एसटीएफ व गुजरात पुलिस ने पकड़ा था। वहीं इस घटना में संलिप्त एक अपराधी को सरायरंजन थानाध्यक्ष के द्वारा गिरफ्तार किए जाने पर कुछ महीनों के बाद उन्हें भी हटाया दिया गया था।
कार्यकाल और संपत्ति की जांच कराने की मांग
पिंकी प्रसाद को मुफ्फसिल थाने का थानाध्यक्ष बनवाया गया। उनकी पोस्टिंग के बाद से क्षेत्र में कई लूट और हत्या की घटनाएं हुई, लेकिन आज तक उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई। रविंद्रनाथ सिंह ने मुफ्फसिल थानाध्यक्ष पिंकी प्रसाद पर अपने आवास पर भू-माफियाओं को बैठाने, जमीन पर कब्जा दिलाने और निर्दोष को फंसाने का आरोप लगाया है। जिसका कई साक्ष्य उनके पास मौजूद है। उन्होंने सदर एसडीपीओ-1 संजय कुमार पाण्डेय के कार्यकाल की पर्यवेक्षण टिप्पणियां व क्रियाकलापों एवं मुफ्फसिल थानाध्यक्ष पिंकी प्रसाद के अभी तक के कार्यकाल का मुख्यालय स्तर से या अपराध अनुसंधान विभाग से समीक्षा करवाने और जांचोपरांत दोषी पाए जाने पर ऐसे कर्मियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने ऐसे पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों के संम्पति की भी जांच किए जाने की मांग की है। साथ ही जिले के एक थाने के थानाध्यक्ष रहे पर भी कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। वहीं इस संबंध में पूछे जाने पर एसपी अशोक मिश्रा ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं आया है, संज्ञान में आने और उसे देखने के बाद ही वह कुछ कह सकते हैं। वहीं मुफ्फसिल थानाध्यक्ष पिंकी प्रसाद ने बताया कि रिलायंस ज्वेल्स लूट कांड से कुछ दिन पहले ही मुफ्फसिल थानाध्यक्ष के रूप में मेरी पोस्टिंग हुई थी। घटना के रोज मैं गवाही देने के लिए पटना में थी। जो भी आरोप लगे हैं, उसके बारे में हमें जानकारी नहीं है। वहीं एएसपी सह सदर एसडीपीओ-1 संजय कुमार पाण्डेय ने बताया कि जो भी आरोप लगे हैं, उसकी जांच का अधिकार वरीय पदाधिकारियों को है।