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एसोसिएशन ऑफ सर्जंस ऑफ इंडिया के बिहार शाखा के 42वें वार्षिक सम्मेलन का हुआ शुभारम्भ

लाइव ऑपरेशन कार्यशाला से डॉक्टरों को आधुनिक तकनीक के बारे में कराया गया अवगत

एसोसिएशन ऑफ सर्जंस ऑफ इंडिया के बिहार शाखा के 42वें वार्षिक सम्मेलन बेसिकॉन 2023 में 400 डेलीगेट ने लिया भाग

समस्तीपुर रेलवे अधिकारी क्लब में शुक्रवार को एसोसिएशन ऑफ सर्जंस ऑफ इंडिया के बिहार शाखा के 42वें वार्षिक सम्मेलन बेसिकॉन 2023 का एएसआई बिहार चैप्टर के प्रेसीडेंट डॉ मृत्युंजय कुमार, डॉ प्रिय रंजन, डॉ यूसी ईस्सर, डॉ आभारानी सिंहा एसकेएमसीएच, डॉ अतुल वर्मा, डॉ भारतेंदु कुमार, डॉ विजय, डॉ मृत्युंजय आर्य, बेसिकॉन 2023 आयोजन के अध्यक्ष डॉ जीसी कर्ण, सचिव डॉ महेश कुमार ठाकुर, एम्स पटना की डॉ मुक्ता अग्रवाल, दिल्ली की गायनी लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ निकिता त्रेहान के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर शुभारंभ किया गया। इस दौरान सभी आगत अतिथियों का आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ जीसी कर्ण के द्वारा मिथिला परंपरा के अनुसार स्वागत किया गया। इस तीन दिवसीय सम्मेलन देश व राज्य भर के करीब 400 सर्जन भाग ले रहे हैं। इसके प्रथम दिन कार्यशाला का आयोजन किया गया है। जिसमें बांझपन, बच्चेदानी, इनफर्टिलिटी एवं स्तन कैंसर आदि जैसे जटिल बीमारियों से ग्रसित मरीजों का 11 सदस्ययी डॉक्टरों की टीम के द्वारा आधुनिक तकनीक के माध्यम से लाइव ऑपरेशन किया जा रहा है। पहले दिन 16 मरीजों का ऑपरेशन किया गया। लाइव ऑपरेशन के जरिए सम्मेलन में भाग ले रहे डॉक्टरों को आधुनिक तकनीक के माध्यम से कैसे सफलतापूर्वक ऑपरेशन व उसकी प्रक्रिया के संबंध में अवगत कराया गया। इस सम्मेलन में देश व राज्य भर के 50 फैकल्टी सहित 400 डेलीगेट भाग ले रहे हैं। इसमें राज्य भर के 92 पीजी स्टूडेंट्स भी भाग ले रहे हैं। शनिवार के एकेडमिक सेशन के दौरान वे सभी अपनी रिपोर्ट जमा करेंगे। 

11 सदस्ययी डॉक्टरों की टीम में समस्तीपुर के दो डॉक्टर

आधुनिक तकनीक के जरिये लाइव ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों की टीम में दिल्ली से एक डॉक्टर, कोलकाता के दो डॉक्टर, पटना एम्स व पटना बिग अपॉलो के दो-दो डॉक्टर, मुजफ्फरपुर एवं बेगूसराय के एक-एक डॉक्टर एवं समस्तीपुर से सर्जन डॉ महेश ठाकुर एवं सर्जन डॉ डीपी तिवारी शामिल हैं। डॉक्टरों ने बताया कि यूट्रस प्रिजर्विंग सर्जरी से इनफर्टिलिटी के मरीजों को फायदा होगा। 

ऐसे हुआ मरीजों का चयन

इन जटिल ऑपरेशन के लिए मरीजों का चयन 6 महीने पूर्व से हो रहा था। जहां राज्य भर में गंभीर बीमारियों से ग्रसित ऐसे मरीजों की पहचान की गई, जिन्हें ऑपरेशन की जरूरत थी। चैन की प्रक्रिया में मरीजों के आर्थिक सामाजिक और क्षेत्रीयता को आधार नहीं बनाकर उनकी बीमारियों व उनकी सहमति को आधार बनाया गया है। ऑपरेशन की जटिलता को देखते हुए मरीजों से बात की गई। इस सम्मेलन के दौरान ऑपरेशन कराने के लिए राजी हुए मरीजों की सूची बनाई गई। उनमें से 20 मरीजों को आज के दिन के ऑपरेशन के लिए शार्ट लिस्ट किया गया। उनमें से 16 मरीजों का विशेषज्ञ डॉक्टर की टीम के द्वारा लाइव ऑपरेशन किया जा रहा है। बाकी बचे मरीजों का इस सम्मेलन के निर्धारित मापदंड के अनुसार उनके संबंधित डॉक्टरों के क्लिनिक पर किया जाएगा। 

कार्यशाला से डॉक्टर्स आधुनिक तकनीक के बारे में होंगे अवगत 

आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ जीसी कर्ण ने बताया कि मिथिलांचल और समस्तीपुर में पहली बार इस तरह का राजा स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। यह पूरे जिले के लिए गर्व का विषय है। इस कार्यक्रम के तहत आयोजित कार्यशाला के दौरान डॉक्टर्स आधुनिक तकनीक के जरिए जटिल ऑपरेशन के संबंध में छोटी से छोटी जानकारी के बारे में अवगत होंगे। इससे जिले की चिकित्सा क्षेत्र को एक नया आयाम मिलेगा। उन्होंने बताया कि रेलवे मंडलीय अस्पताल में दिल्ली और कोलकाता से आए विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम के द्वारा शुक्रवार की सुबह 8 बजे से विभिन्न बीमारियों के 16 जटिल ऑपरेशन किया जा रहा है। यह कार्यशाला शुक्रवार के शाम 6 बजे तक चलेगा। इस कार्यशाला के अवसर पर डॉ हेमंत कुमार सिंह, डॉ रिजवान अहमद, डॉ राजीव कुमार मिश्रा, डॉ पुष्पा रानी, डॉ कनुप्रिया मिश्रा, डॉ रेनू राणा एवं डॉ आदित्य कुमार सहित काफी संख्या में डॉक्टर उपस्थित थे।

लाइफ सर्जरी वर्कशॉप और खासकर समस्तीपुर में होने से काफी उत्साहित हूं। यहां सर्जरी से जुड़े सभी आधुनिक इक्विपमेंट उपलब्ध हैं। इस सफल सम्मेलन के लिए यहां के आयोजन समिति के सदस्य धन्यवाद के पात्र हैं।

डॉ मुक्ता अग्रवाल, एम्स पटना

इस कार्यशाला से जिले और राज्य भर के डॉक्टरों को आधुनिक तकनीक के जरिए ऑपरेशन के बारे में जानकारी मिलेगी। इससे निसंदेह रूप से मरीजों का फायदा होगा।

डॉ पद्माकर सिंह, बेगूसराय

जिले में स्टेट लेवल के इस सम्मेलन का आयोजन होना गौरव की बात। इससे जिले के चिकित्सा व्यवस्था सुदृढ़ होगी।

डॉ जीसी कर्ण, समस्तीपुर 

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