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महाकाल की तर्ज पर होता है बुद्धेश्वर महादेव का श्रृंगार, मन मोह लेंगी ये खूबसूरत तस्‍वीरें


सुबह की आरती से उनको जगाया जाता है, तो रात में शयन आरती से पहले बाबा का श्रृंगार किया जाता है. जबकि रात में 10:00 बजे बाबा के श्रृंगार की तैयारी शुरू हो जाती है. बाबा का श्रृंगार उज्‍जैन के महाकाल की तर्ज पर किया जाता है.

हर दिन बाबा को नया रूप देने से उनका भव्य श्रृंगार भक्तों का मन मोह लेता. यह रूपांतरण उनकी दिव्यता और प्रभाव को प्रकट करता है, जिससे भक्त उनके प्रति आदर्श और श्रद्धा व्यक्त करते हैं. रोजाना बाबा का श्रृंगार ताजा फूलों से किया जाता है, जो कि उनकी दिव्यता को प्रकट करता है. उनके गर्भगृह को पूरी फूलों से सजाया जाता है, जिससे बाबा के गर्भगृह का आकर्षण बढ़ जाता है. बाबा का श्रृंगार होने के बाद रात 12 बजे तक शयन आरती होती है. ये मंदिर की आखरी आरती होती है. इसके बाद बाबा विश्राम करते हैं. मंदिर के दोनों द्वार को भी भव्य रूप से सजाया जाता. एक द्वार पर राम का नाम तो दूसरे द्वार पर स्वास्तिक बनाया जाता है

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