सुबह की आरती से उनको जगाया जाता है, तो रात में शयन आरती से पहले बाबा का श्रृंगार किया जाता है. जबकि रात में 10:00 बजे बाबा के श्रृंगार की तैयारी शुरू हो जाती है. बाबा का श्रृंगार उज्जैन के महाकाल की तर्ज पर किया जाता है.
सुबह की आरती से उनको जगाया जाता है, तो रात में शयन आरती से पहले बाबा का श्रृंगार किया जाता है. जबकि रात में 10:00 बजे बाबा के श्रृंगार की तैयारी शुरू हो जाती है. बाबा का श्रृंगार उज्जैन के महाकाल की तर्ज पर किया जाता है.
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